hindi kahani short
दूसरी ओर, कछुआ, खरगोश की तुलना में काफी धीमा था। हालांकि, वह बिना रुके दौड़ लगाता रहा। धीरे–धीरे ही सही पर कछुआ फिनिशिंग लाइन तक पहुँचने में कामयाब रहा, और खरगोश हाथ मलता रह गया।
भेंट के लिए लाए चावलों की पोटली श्रीकृष्ण ने उनकी कांख से छीन ली. दो मुट्ठी चावल खाकर उनको दो लोकों की सम्पति का स्वामी बना दिया.
स्त्रेरह बिचिया ल्याई म्हारा बीर-टमरकटूँ
परीक्षा से वे यही जानना चाहते थे कि कौन सा शिष्य उनकी बेटी से विवाह करने योग्य है. सभी शिष्य अपने अपने दिमाग से कार्य कर रहे थे.
...... कल की छुट्टी है.......कल की छुट्टी है........ ...
उन्होंने उसी समय सभी शिष्यों को एकत्र किया और उनसें पूछा-”आप सबने चारी की..
एक बार तीन दोस्त किसी शहर की मुख्य सड़क से होकर गुजर रहे थे.
झट स्वय को नियंत्रित किया और सोचने के लिए अपनी तलवार वापिस खिची तो पास ही रखे बर्तन से टकरा गईं, बर्तन की आवाज सुनते ही उसकी पत्नी की नीद खुल गईं.
मुझे तेरा विशवास नही हैं. खेत के मालिक ने ज्यादा हठ की तो
तो मुझे जल्दी उस दुसरे सिंह के पास ले चलो. आज मै उसका रक्त पीकर ही अपनी पास बुझाउगा, इस वन में मेरे अतिरिक्त अन्य किसी सिंह का हस्तक्षेप मुझे मंजूर नही.
उधर उमा की उदंडता भी बढती ही जा रही थी, बया जैसे ही नया घौसला बनाती वह उन्हें गिरा कर जमीन पर तिनको को बिखेर डालती.
आज की शीर्षक हिंदी में कहानी में राजस्थान के कवि और लेखक विजयदान देथा द्वारा मूलत: राजस्थानी भाषा में लिखी गईं कुरज री विनती कहानी हैं, जिसे हिंदी में ट्रांसलेट किया गया हैं.
मै बहुत भूखा हु, कही तेरे कुछ कहने से पहले ही मै तुम्हे चबा ना जाऊ.
शिक्षा; साहस जो करता हैं, जग में होता हैं उसका नाम.